// शब्द शहद है, शब्द ही नीम //
शब्द शहद है, शब्द ही नीम, शब्द ज़ख्म, शब्द ही हकीम,
शब्द ही खुशियों का आसमां,और शब्द ही दर्द की ज़मीन,
शब्द नफ़रत है शब्द ही प्यार,शब्द है सुकून शब्द ही कहर,
शब्द आग और शब्द ही पानी,शब्द अमृत और शब्द ज़हर,
बल बड़ा है शब्दों में, बुद्धि विवेक समझ से कर व्यवहार,
शब्द बदल दे चित्र जीवन का, और बदले आचार, विचार,
शब्द गरिमा है शब्द ही प्रतिष्ठा, शब्दों में भरा जादू अनूठा,
शब्द बुलाए जहांँ मित्रों की टोली वहीं ये दुश्मन भी बनाता,
शब्द मिलन शब्द ही बिछड़न, शब्द पुष्प है शब्द ही कांटा,
नासूर बने शब्दों का घाव,मरहम नहीं जिसका कोई होता,
रक्त रंजित हो जाती है आत्मा, जब शब्दों से होता है वार,
खेल अजब गजब शब्द का समझ, शब्द है ये तलवार धार,
ज़ख्म दिखे ना तन पर शब्दों का, यहांँ तो मन होता घायल,
शब्दों का असर होता इतना गहरा जैसे है गहरा सागर तल,
शालीनता भरे शब्द मीठे, है ये अपनेपन और प्रेम का द्वार,
अभद्रता और कड़वाहट शब्दों की, मलिन करे है व्यवहार।
©Mili Saha
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