अंतस में प्रभु मेरे विराजो, मन हो जाए शिवालय, भक | हिंदी Poetry Video

"अंतस में प्रभु मेरे विराजो, मन हो जाए शिवालय, भक्ति-भाव में लगा रहूँ नित - निज - शरीर हो जाए देवालय। धनुष पिनाक , चक्र भवरेंदू , अस्त्र त्रिशूल , धर्ता भोले , तेरी कृपा- दृष्टि मुझ पर , जीवन में अमृत घोले। प्रेम -भक्ति जगाने वाले- नीलकंठ महादेव प्रभु , करते सृष्टि -विस्तार मेरे - अर्ध-नारीश्वर अवतार प्रभु। देवों के देव , महादेव - हमपे कृपा-दृष्टि करो , जीवन, कर्म में लिप्त रहे , चिंतन में प्रविष्ट करो। -अलका बलूनी पंत ©Alka Pant "

अंतस में प्रभु मेरे विराजो, मन हो जाए शिवालय, भक्ति-भाव में लगा रहूँ नित - निज - शरीर हो जाए देवालय। धनुष पिनाक , चक्र भवरेंदू , अस्त्र त्रिशूल , धर्ता भोले , तेरी कृपा- दृष्टि मुझ पर , जीवन में अमृत घोले। प्रेम -भक्ति जगाने वाले- नीलकंठ महादेव प्रभु , करते सृष्टि -विस्तार मेरे - अर्ध-नारीश्वर अवतार प्रभु। देवों के देव , महादेव - हमपे कृपा-दृष्टि करो , जीवन, कर्म में लिप्त रहे , चिंतन में प्रविष्ट करो। -अलका बलूनी पंत ©Alka Pant

शिव वंदना

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