Unsplash टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी अंतर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी ..। हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूँ, गीत नए गाता हूँ--- --गीत नए गाता हूँ .... :--- अटल बिहारी बाजपेई ©@howToThink #कविता Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto