ना पूछो के मंजिल का पता क्या है,
अभी बस सफर है सफर का दीदार होने दो,
रूठ जाये अगर तक़दीर तो मनाकर देखो,
फूल मेहनत के हथेली पर उगाने तो दो
©SP
#शायरी ना पूछो के मंजिल का पता क्या है,
अभी बस सफर है सफर का दीदार होने दो,
रूठ जाये अगर तक़दीर तो मनाकर देखो,
फूल #मेहनत के हथेली पर उगाने तो दो…