White प्रात: सूर्य का तेज निराला, भाता मन को खूब।
ज्यों समय का पहर बदलता, देने लगता वो धूप।
हौले-हौले दिन जब ढलता, सूर्य अस्त हो जाता।
तत्पश्चात चॉंद उदय हो, चॉंदनी फैलाता।
©Rinku Mogare
#sad_shayari प्रात: सूर्य का तेज निराला, भाता मन को खूब।
ज्यों समय का पहर बदलता, देने लगता वो धूप।
हौले-हौले दिन जब ढलता, सूर्य अस्त हो जाता।
तत्पश्चात चॉंद उदय हो, चॉंदनी फैलाता।
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