"पापा में आपसे आज कुछ केहना चाहती हुं..!
आपके साथ बैठणा चाहती हुं.
आपसे आज बहुत कुछ केहना चाहती हुं!
शायद ही अपने दर्द को बयां कर रोना चाहती हुं.
आज आपसे एक बात केहना चाहती हुं....
मैं कही बार अकेली सी पड जाती हुं...
अंदर ही अंदर से मर जाती हुं...
आपके सिवा कोई नहीं समझ पाता..
पता नहीं क्यो में आज भी आपके
बिना खुद को अकेली पाती हुं....
शायद ही आज में पापा कि परी नहीं केहलाती..!
आज आपको आवाज लगाना चाहती हुं..
पापा मे आपको बहुत चाहती हुं..
हां में कभी नहीं बताती.....
मगर में आप के जैसा बनना चाहती हुं..."
©pournima sadavarte
#मेरे पापा