कि गर होगा मिलना मुकद्दर मे‌, तो इन्तजार कर लेंग | हिंदी Shayari

"कि गर होगा मिलना मुकद्दर मे‌, तो इन्तजार कर लेंगे। वरना क्या है अपना दो - चार लकड़ियों के सहारे खुद को चिरागों के हवाले कर देगें।। #अम‌त ©Elixir"

 कि 
गर होगा 
मिलना
मुकद्दर मे‌,
तो इन्तजार कर लेंगे।

वरना 

क्या है अपना 
दो - चार 
लकड़ियों के सहारे 
खुद को चिरागों 
के हवाले कर देगें।।

#अम‌त

©Elixir

कि गर होगा मिलना मुकद्दर मे‌, तो इन्तजार कर लेंगे। वरना क्या है अपना दो - चार लकड़ियों के सहारे खुद को चिरागों के हवाले कर देगें।। #अम‌त ©Elixir

कि
अगर होगा
मिलना
मुकद्दर मे‌,
तो इन्तजार कर लेंगे।

वरना

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