*जनता सरकार से*
यह सच्चे आंसू मेरे, वह झूठे वादे तेरे
तेरी ऊंची ऊंची बातों में कहानी,
और मेरी आंखों में वही अधूरी आशाएं और वही खारा पानी..।
सवालों का सैलाब
मेरी जुबान पर उमड़ा जा रहा है,
पर तेरी जुबान पर बस एक ही जवाब आ रहा है,
" जरा सब्र रखिए आपके सवालों के जवाब ज़रूर मिलेगें,
बस ज़रा इस बार भी मेरा ख्याल रखिएगा
चुनाव करीब आ रहा है"..।
*सरकार जनता से*
आपकी अंधियारी जिंदगी में भी
उन्नति के दीपक जलाने हैं, मगर ज़रा रुकिए
अभी दिया सलाई busy हैं, हमारे घर में अभी भी
चंद फुलझड़ियां और अनार जलाने बाकी हैं,
आपके लिए इस बार हमने पूरा प्रावधान कर रखा है
आपके हित और कल्याण के लिए नई योजनाओं का ब्यौरा
जेब में ही धरा रखा है..।hpB)..
चुनाव के समय *जनता और सरकार*
hpB)..