ऐ परिंदे तू उड़ान भर" मंज़िल में मार्ग बताने वाले | हिंदी कविता

""ऐ परिंदे तू उड़ान भर" मंज़िल में मार्ग बताने वाले बहुत मिलेंगे राही कोई तुझे भटकायेगा तो कोई तुझे चमकायेगा, तू अपने और पराये की पहचान कर जब ज़िंदगी में मुसिबतो का छा जाए अंधकार तो तू कहीं से निकलती एक उजियारे की किरण का इंतजार कर ऐ परिंदे तू उड़ान भर.. किसी के साथ आने का इंतज़ार मत कर तू मंज़िल तक अकेला सफर कर, हाथों पर भाग्य की लकीरों को तू अपनी मेहनत से आजाद कर माता-पिता और परिवार की तुझसे लगी आशाओं का ख्याल कर ऐ परिंदे तू उड़ान भर.. कभी गिराएगी परिस्थितियां, तो कभी सिखाएगी गलतियां तुझे तू गलतियों को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर, हो जाए बार-बार असफल और लगने लगे मंज़िल दूर तो देखे गए सपनों के पहले दिन को याद कर तू मंज़िल को पाने के लिए फिर से प्रयास कर ऐ परिंदे तू उड़ान भर.. ऐ परिंदे तू उड़ान भर...!"

 "ऐ परिंदे तू उड़ान भर"

मंज़िल में मार्ग बताने वाले बहुत मिलेंगे राही
कोई तुझे भटकायेगा तो कोई तुझे चमकायेगा,
तू अपने और पराये की पहचान कर
जब ज़िंदगी में मुसिबतो का छा जाए अंधकार
तो तू कहीं से निकलती एक उजियारे की किरण का इंतजार कर
ऐ परिंदे तू उड़ान भर..

किसी के साथ आने का इंतज़ार मत कर
तू मंज़िल तक अकेला सफर कर,
हाथों पर भाग्य की लकीरों को तू अपनी मेहनत से आजाद कर
माता-पिता और परिवार की तुझसे लगी आशाओं का ख्याल कर
ऐ परिंदे तू उड़ान भर..

कभी गिराएगी परिस्थितियां, तो कभी सिखाएगी गलतियां तुझे
तू गलतियों को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर,
हो जाए बार-बार असफल और लगने लगे मंज़िल दूर
तो देखे गए सपनों के पहले दिन को याद कर
तू मंज़िल को पाने के लिए फिर से प्रयास कर
ऐ परिंदे तू उड़ान भर..
ऐ परिंदे तू उड़ान भर...!

"ऐ परिंदे तू उड़ान भर" मंज़िल में मार्ग बताने वाले बहुत मिलेंगे राही कोई तुझे भटकायेगा तो कोई तुझे चमकायेगा, तू अपने और पराये की पहचान कर जब ज़िंदगी में मुसिबतो का छा जाए अंधकार तो तू कहीं से निकलती एक उजियारे की किरण का इंतजार कर ऐ परिंदे तू उड़ान भर.. किसी के साथ आने का इंतज़ार मत कर तू मंज़िल तक अकेला सफर कर, हाथों पर भाग्य की लकीरों को तू अपनी मेहनत से आजाद कर माता-पिता और परिवार की तुझसे लगी आशाओं का ख्याल कर ऐ परिंदे तू उड़ान भर.. कभी गिराएगी परिस्थितियां, तो कभी सिखाएगी गलतियां तुझे तू गलतियों को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर, हो जाए बार-बार असफल और लगने लगे मंज़िल दूर तो देखे गए सपनों के पहले दिन को याद कर तू मंज़िल को पाने के लिए फिर से प्रयास कर ऐ परिंदे तू उड़ान भर.. ऐ परिंदे तू उड़ान भर...!

udaaan bhar..

#Motivation #Nikhilchaturvedani
#lifejourney #nojotoofficial
#writersofinstagram

People who shared love close

More like this

Trending Topic