हाँ देखो बात बनते बनते बिगड़ गयी है,,,
काश उस दिन दिल से काम लिया होता
काश शब्दो को उनकी सीमा मे रखा होता,
तकरार को प्यार से सुलजा लिया होता
तुम्हे एक बार और रोक लिया होता,
जितनी कोसिस की थी तुम्हे अपना बनाने की
तुम्हे उनसे रूबरू करवा दिया होता
कितने खास हो आप मेरे लिए
आपको एहसास करा दिया होता
©vishal sain
# दूरिया दिलो की