Unsplash हा कांच जैसी बिखरी हूं मैं, समझ न पाओगे | English Quotes

"Unsplash हा कांच जैसी बिखरी हूं मैं, समझ न पाओगे, समंदर से भी गहरी हु मैं, मन मेरा भी करता हैं उड़ जाने को, बस कुछ मसलों से ठहरी हू मैं।।।।। ©Uday"

 Unsplash  हा कांच जैसी बिखरी  हूं मैं,
समझ न पाओगे, समंदर से भी गहरी हु मैं, 
मन मेरा भी करता हैं उड़ जाने को,  बस कुछ मसलों से ठहरी हू मैं।।।।।

©Uday

Unsplash हा कांच जैसी बिखरी हूं मैं, समझ न पाओगे, समंदर से भी गहरी हु मैं, मन मेरा भी करता हैं उड़ जाने को, बस कुछ मसलों से ठहरी हू मैं।।।।। ©Uday

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