White सच सच बताना बिना झूठ की चाशनी में डूबोये कित | हिंदी कविता

"White सच सच बताना बिना झूठ की चाशनी में डूबोये कितने दिन अच्छे गुजरे कितनी रातें हुई सुरमई या फिर... बस यूँ ही... रस्म अदायगी है ये . शुभ प्रभात/शुभ निशा कुछ शुभ भी तो हो है कि नहीं ...?? ©Shipra Pandey ''Jagriti'"

 White सच सच बताना
बिना झूठ की चाशनी में डूबोये
कितने दिन अच्छे गुजरे
कितनी रातें हुई सुरमई
या फिर... 
बस यूँ ही...
रस्म अदायगी है ये . 
 शुभ प्रभात/शुभ निशा
कुछ शुभ भी तो हो
है कि नहीं ...??

©Shipra Pandey ''Jagriti'

White सच सच बताना बिना झूठ की चाशनी में डूबोये कितने दिन अच्छे गुजरे कितनी रातें हुई सुरमई या फिर... बस यूँ ही... रस्म अदायगी है ये . शुभ प्रभात/शुभ निशा कुछ शुभ भी तो हो है कि नहीं ...?? ©Shipra Pandey ''Jagriti'

#GoodNight

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