जब सारे बुद्धिमान उस तूफान से दूर भाग रहे थे
एक सिरफिरा ही था जो उस तूफान की ओर बढ़ रहा था।
जब सारे लोग गुलामी में अपनी अपनी खुशियां ढूंढ रहे थे
एक सिरफिरा ही देख रहा था आज़ाद होने का सपना।
जब पूरी दुनिया झुक रही थी आधुनिक प्रवृत्तियों की ओर
एक सिरफिरा ही नई प्रवृत्ति बनाने की सोच रहा था।
जब लगभग हर इंसान अपने पेट भरने का उपाय ढूंढ रहा था
एक सिरफिरा ही इस जहाँ को बेहतर बनाने की ओर चल पड़ा था।
जब सारे बुद्धिमान उस तूफान से दूर भाग रहे थे
एक सिरफिरा ही था जो उस तूफान की ओर बढ़ रहा था।
©Söuvick Mukherjee
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