"तलब ऐसी जगी उनसे मिलने की
हम उनकी गली की तरफ बढ़ने लगे,
याद आ गये जब पुराने गिले-शिकवे
बिन पिए ही कदम लड़खड़ाने लगे!
सोचा हमने भी चलो थोड़ा सह लेंगे
एक बार फिर से मुखातिब हो जाए,
जब गए मिलने हम उनसे पता चला
हमें भुला वो किसी और के हो गए!
#ghayalshayar #sumitkikalamse
©SumitGaurav2005
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