White ग़ज़ल (रु बा रु)
हो रू बा रु तो हो शुरु ,अपनी भी कुछ कहानियां
दबी दिल में ही रह ना जाए ,इश्क़ की रानाईयां।
ख्यालों में ही क्यों रहे , आ ज़रा तू सामने ,
कुछ तो दे अपना पता,कुछ तो दे निशानियां।
मुश्किलों से तू मिला ,खो गया जाने कहां,
बढ़ चुकी है बिन तेरे ,दिल की ये बेचैनियां।
जिंदगी के सफ़र में ,हम सफ़र बन जा मेरा,
खत्म हो दिल की मेरी ,सारी ये परेशानियां।
ढूंढता है दर बदर , तुझको ये दिल मेरा,
मुंताजिर है नज़र , कर ज़रा मेहरबानियां।
©Dr.Javed khan
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