झील सी नीली आँखें होंठ जैसे खिलता कमल बदन पे लाल | हिंदी Poetry Video

"झील सी नीली आँखें होंठ जैसे खिलता कमल बदन पे लाल साड़ी उस पर लहराता आँचल ।। माथे पे बिंदी बालों में गजरा हाथों में खनकता कंगन हाय , वो कंगन चुराए मेरा मन ।। मेहंदी की खुशबू हिरनी जैसी चाल खोल दे जो गेसुओं को छा जाए काले बादल ।। पायल की रुनझुन नैनन के काजल आंचल जो लहरा दे बरस जाए बादल ।। इतनी सुंदर रूप सलोना दुनिया से परे है मेरी प्रियतमा सादगी की पर्याय है मानों बहता कोई झरना ।। मैं तुम्हारी सांसें बनूँ तुम धड़कन बन जाना श्रृंगार में तेरे नज़्म लिखूँ है मेरी तमन्ना ।। ©LAFZ E RIMA "

झील सी नीली आँखें होंठ जैसे खिलता कमल बदन पे लाल साड़ी उस पर लहराता आँचल ।। माथे पे बिंदी बालों में गजरा हाथों में खनकता कंगन हाय , वो कंगन चुराए मेरा मन ।। मेहंदी की खुशबू हिरनी जैसी चाल खोल दे जो गेसुओं को छा जाए काले बादल ।। पायल की रुनझुन नैनन के काजल आंचल जो लहरा दे बरस जाए बादल ।। इतनी सुंदर रूप सलोना दुनिया से परे है मेरी प्रियतमा सादगी की पर्याय है मानों बहता कोई झरना ।। मैं तुम्हारी सांसें बनूँ तुम धड़कन बन जाना श्रृंगार में तेरे नज़्म लिखूँ है मेरी तमन्ना ।। ©LAFZ E RIMA

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