न्याय नही मिल रहा सिर्फ बाते मिल रही है इन्सान बड़ | हिंदी कविता

"न्याय नही मिल रहा सिर्फ बाते मिल रही है इन्सान बड़े बड़े मिल रहे इंसानियत कही नही मिल रही हर दफ़ा सड़क पर उतरते है लोग बेटिया फिर भी इन्ही मे से कुचल रहे लोग हर कोई रक्षक है अगर यहा बेटियो का तो इन फूलों को कैसे रौंद रहे है लोग ©Mr. SingH😎"

 न्याय नही मिल रहा 
सिर्फ बाते मिल रही है
इन्सान बड़े बड़े मिल रहे
इंसानियत कही नही मिल रही 
हर दफ़ा सड़क पर उतरते है लोग
बेटिया फिर भी इन्ही मे से कुचल रहे लोग
हर कोई रक्षक है अगर यहा बेटियो का तो
इन फूलों को कैसे रौंद रहे है लोग

©Mr. SingH😎

न्याय नही मिल रहा सिर्फ बाते मिल रही है इन्सान बड़े बड़े मिल रहे इंसानियत कही नही मिल रही हर दफ़ा सड़क पर उतरते है लोग बेटिया फिर भी इन्ही मे से कुचल रहे लोग हर कोई रक्षक है अगर यहा बेटियो का तो इन फूलों को कैसे रौंद रहे है लोग ©Mr. SingH😎

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