मैंने जन्नत क्या होती है देखि नहीं
और देखने कि इच्छा भी नहीं
मेरे लिए ये जीवन बहुत है
यही जन्नत है,
यहाँ प्रेम है,
यहाँ दुख है,
यहाँ साथी है
यहाँ पीड़ा है
यहाँ बढ़ते हाथ हैँ,
जो सहारा बनते हैँ
यहाँ परी नहीं है,
यहाँ हर शक़्स मे खुदा है
दरअसल,
यहाँ तुम्हारी मोहोब्बत कि नगरी मे
वो सब है जो जीने का आधार है
यही मेरा घर है,
यहीं मेरा परिवार है
-shefali sharma
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