"मैं खफा नहीं हूँ तुझसे बस इस हैरत में हूं ,
जिसको मानाने में हमने उम्र लगा दी ,
कैसे उसने हमें बीच राह छोड़ते वक़्त भी,
अपने कुछ अश्क़ हम पर ज़ाया करना मुनासिब न समझा ।। "
मैं खफा नहीं हूँ तुझसे बस इस हैरत में हूं ,
जिसको मानाने में हमने उम्र लगा दी ,
कैसे उसने हमें बीच राह छोड़ते वक़्त भी,
अपने कुछ अश्क़ हम पर ज़ाया करना मुनासिब न समझा ।।