बस के आंगन मे तेरी आंख से ता आखरी सांस मेरी ख्वाहि | हिंदी شاعری اور غ

"बस के आंगन मे तेरी आंख से ता आखरी सांस मेरी ख्वाहिश है तेरी आंख से दुनियां देखूं रब्बानी ©Rabbani Khan "

बस के आंगन मे तेरी आंख से ता आखरी सांस मेरी ख्वाहिश है तेरी आंख से दुनियां देखूं रब्बानी ©Rabbani Khan

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