बचपन और बारिश खुशियों के पल सस्ते थे। जब भीगे हमार | हिंदी Poetry

"बचपन और बारिश खुशियों के पल सस्ते थे। जब भीगे हमारे बस्ते थे। बचपन की उस बारिश में, हम तुम कितना हंसते थे। ©Preeti Naveen Makwana"

 बचपन और बारिश खुशियों के पल सस्ते थे।
जब भीगे हमारे बस्ते थे।
बचपन की उस बारिश में,
हम तुम कितना हंसते थे।

©Preeti Naveen Makwana

बचपन और बारिश खुशियों के पल सस्ते थे। जब भीगे हमारे बस्ते थे। बचपन की उस बारिश में, हम तुम कितना हंसते थे। ©Preeti Naveen Makwana

#bachpan

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