White
सुनो
क्या करूँ ये हरकत मेरी
भूल जाता हूँ हर बारी
अच्छा सुनो मैं सोच रहा था.....
अँधेरी रात है, है ठंडी हवा
बारिश हैं, आँखों का काजल है,
माथे की बिंदी, ये बालकनी हैं
तुम हो तुम्हारी आँखे हैं
इन आँखों में मैं,
सब तो है
चाय पे ले चलूँ अगर आप चाहे
बनी हो मेरे हाथों की
स्वाद आपके होठों का
सन लगे चाय मीठी तो कहना
मैं तुम्हारी कविताएं पढ़ूँगा
तुम मेरी आँखों में रहना
---शुभम कुमार
©Shubham Kumar
#sad_quotes