शायद ab कभी लौट naa पाऊं खुशियों ke बजार में, गम न | हिंदी शायरी

"शायद ab कभी लौट naa पाऊं खुशियों ke बजार में, गम ने uchi बोली लगा ke खरीद li है..! ©Yaduvanshi Rohit"

 शायद ab कभी लौट naa पाऊं खुशियों ke बजार में,
गम ने uchi बोली लगा ke खरीद li  है..!

©Yaduvanshi Rohit

शायद ab कभी लौट naa पाऊं खुशियों ke बजार में, गम ने uchi बोली लगा ke खरीद li है..! ©Yaduvanshi Rohit

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