धड़कने रोक दू कैसे वो सांसो में ही रहती थी, कि छो | हिंदी Shayari Vide

"धड़कने रोक दू कैसे वो सांसो में ही रहती थी, कि छोड़ेंगे ना तेरा साथ वो बातों से ही कहती थी! धड़कने रोक दू कैसे वो सांसो में ही रहती थी, कि छोड़ेंगे ना तेरा साथ वो बातों से ही कहती थी! कि जब दर्द देने वाले ही पूछे थे क्या हुआ, जुबां खामोश थी उस वक़्त ज़वाब आँखों से बहती थी!! "

धड़कने रोक दू कैसे वो सांसो में ही रहती थी, कि छोड़ेंगे ना तेरा साथ वो बातों से ही कहती थी! धड़कने रोक दू कैसे वो सांसो में ही रहती थी, कि छोड़ेंगे ना तेरा साथ वो बातों से ही कहती थी! कि जब दर्द देने वाले ही पूछे थे क्या हुआ, जुबां खामोश थी उस वक़्त ज़वाब आँखों से बहती थी!!

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धड़कने रोक दू कैसे वो सांसो में ही रहती थी,
कि छोड़ेंगे ना तेरा साथ वो बातों से ही कहती थी! #VKB #vkbshayar Sh@kila Niy@z advocate SURAJ PAL SINGH Author kunal बाबा ब्राऊनबियर्ड Sk shayari in hindi sad shayari in hindi love shayari hindi shayari on love

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