नजर और नसीब का कुछ ऐसा इत्तेफाक है
नजर को अक्सर वह चीज पसंद आती है
जो नसीब में नहीं होती
और नसीब में लिखी चीज अक्सर नजर नहीं आती
चलने वाले पैरों में कितना फर्क है एक आगे और एक पीछे
ना आगे वाले को गुरूर है
ना पीछे वाले की तौहीन
क्योंकि उन्हें पता है पल भर में भी बदलने वाला है
इसी को जिंदगी कहते हैं
जिंदगी में अगर कुछ खोना पड़े तो दो बातें हमेशा याद रखें
जो खोया उसका गम नहीं और जो पाया वह किसी से काम नहीं
जो नहीं है वह एक ख्वाब है और जो है वह लाजवाब है
#नजर और नसीब