एक छोटी सी प्रेम कहानी रवि और मीरा एक ही कॉलेज मे | हिंदी Love

"एक छोटी सी प्रेम कहानी रवि और मीरा एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। रवि एक शांत स्वभाव का लड़का था, जबकि मीरा चंचल और हंसमुख। उनकी पहली मुलाकात लाइब्रेरी में हुई, जहां रवि अपनी किताब ढूंढ रहा था और मीरा ने शरारत में उसकी किताब छुपा दी। रवि ने गुस्से में पूछा, "तुम्हें क्या मज़ा आता है, दूसरों को परेशान करने में?" मीरा ने मुस्कुराते हुए कहा, "मज़ा नहीं, दोस्ती करना चाहती हूं।" धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती गहरी हो गई। साथ पढ़ाई करना, कैंटीन में चाय पीना, और घंटों बातें करना उनकी दिनचर्या बन गई। एक दिन, बारिश हो रही थी। मीरा कॉलेज गेट के पास खड़ी थी, जब रवि ने उसके लिए छाता लेकर आया। मीरा ने हंसते हुए पूछा, "इतनी परवाह क्यों करते हो?" रवि ने नज़रें झुकाकर कहा, "शायद तुम्हें समझाने में देर कर दी, लेकिन तुम मेरे लिए खास हो।" मीरा ने धीरे से उसका हाथ पकड़ लिया और कहा, "देर नहीं हुई, बस मुझे इंतज़ार था तुम्हारे कहने का।" बारिश की बूंदों के बीच, उनके दिलों ने एक-दूसरे को समझ लिया। अब वो दोस्त नहीं, प्यार की एक खूबसूरत कहानी के पात्र बन चुके थे। ©Vedika"

 एक छोटी सी प्रेम कहानी

रवि और मीरा एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। रवि एक शांत स्वभाव का लड़का था, जबकि मीरा चंचल और हंसमुख। उनकी पहली मुलाकात लाइब्रेरी में हुई, जहां रवि अपनी किताब ढूंढ रहा था और मीरा ने शरारत में उसकी किताब छुपा दी।

रवि ने गुस्से में पूछा, "तुम्हें क्या मज़ा आता है, दूसरों को परेशान करने में?"
मीरा ने मुस्कुराते हुए कहा, "मज़ा नहीं, दोस्ती करना चाहती हूं।"

धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती गहरी हो गई। साथ पढ़ाई करना, कैंटीन में चाय पीना, और घंटों बातें करना उनकी दिनचर्या बन गई।

एक दिन, बारिश हो रही थी। मीरा कॉलेज गेट के पास खड़ी थी, जब रवि ने उसके लिए छाता लेकर आया। मीरा ने हंसते हुए पूछा, "इतनी परवाह क्यों करते हो?"
रवि ने नज़रें झुकाकर कहा, "शायद तुम्हें समझाने में देर कर दी, लेकिन तुम मेरे लिए खास हो।"

मीरा ने धीरे से उसका हाथ पकड़ लिया और कहा, "देर नहीं हुई, बस मुझे इंतज़ार था तुम्हारे कहने का।"

बारिश की बूंदों के बीच, उनके दिलों ने एक-दूसरे को समझ लिया। अब वो दोस्त नहीं, प्यार की एक खूबसूरत कहानी के पात्र बन चुके थे।

©Vedika

एक छोटी सी प्रेम कहानी रवि और मीरा एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। रवि एक शांत स्वभाव का लड़का था, जबकि मीरा चंचल और हंसमुख। उनकी पहली मुलाकात लाइब्रेरी में हुई, जहां रवि अपनी किताब ढूंढ रहा था और मीरा ने शरारत में उसकी किताब छुपा दी। रवि ने गुस्से में पूछा, "तुम्हें क्या मज़ा आता है, दूसरों को परेशान करने में?" मीरा ने मुस्कुराते हुए कहा, "मज़ा नहीं, दोस्ती करना चाहती हूं।" धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती गहरी हो गई। साथ पढ़ाई करना, कैंटीन में चाय पीना, और घंटों बातें करना उनकी दिनचर्या बन गई। एक दिन, बारिश हो रही थी। मीरा कॉलेज गेट के पास खड़ी थी, जब रवि ने उसके लिए छाता लेकर आया। मीरा ने हंसते हुए पूछा, "इतनी परवाह क्यों करते हो?" रवि ने नज़रें झुकाकर कहा, "शायद तुम्हें समझाने में देर कर दी, लेकिन तुम मेरे लिए खास हो।" मीरा ने धीरे से उसका हाथ पकड़ लिया और कहा, "देर नहीं हुई, बस मुझे इंतज़ार था तुम्हारे कहने का।" बारिश की बूंदों के बीच, उनके दिलों ने एक-दूसरे को समझ लिया। अब वो दोस्त नहीं, प्यार की एक खूबसूरत कहानी के पात्र बन चुके थे। ©Vedika

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