भावनाएं नष्ट हो चुकी है। जबरदस्ती स्वयं को प्रसन्न | हिंदी Motivation

"भावनाएं नष्ट हो चुकी है। जबरदस्ती स्वयं को प्रसन्न रखने के लिए कुछ भी करता हूँ। कभी अकेले हाइवे पर टहलने जाता हूँ तो कभी कॉफी पीने लगता हूँ। मन भागा जा रहा। मैं अब शोक के अंतिम छोर पर हूँ। धीरे-धीरे नष्ट हो रहा हूँ। अब उम्मीद तो है परन्तु ऊर्जा नहीं है। तुम बस खुश रहना दोस्त। bekhyali ©motivational Gyan.2"

 भावनाएं नष्ट हो चुकी है। जबरदस्ती स्वयं को प्रसन्न रखने के लिए कुछ भी करता हूँ। कभी अकेले हाइवे पर टहलने जाता हूँ तो कभी कॉफी पीने लगता हूँ। मन भागा जा रहा। मैं अब शोक के अंतिम छोर पर हूँ। धीरे-धीरे नष्ट हो रहा हूँ। अब उम्मीद तो है परन्तु ऊर्जा नहीं है। तुम बस खुश रहना दोस्त।

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भावनाएं नष्ट हो चुकी है। जबरदस्ती स्वयं को प्रसन्न रखने के लिए कुछ भी करता हूँ। कभी अकेले हाइवे पर टहलने जाता हूँ तो कभी कॉफी पीने लगता हूँ। मन भागा जा रहा। मैं अब शोक के अंतिम छोर पर हूँ। धीरे-धीरे नष्ट हो रहा हूँ। अब उम्मीद तो है परन्तु ऊर्जा नहीं है। तुम बस खुश रहना दोस्त। bekhyali ©motivational Gyan.2

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