ये वो जगह है जहाँ, "मैं"
"मैं" होती हूँ। बस "मैं"!
यही एक रास्ता है खुद को पाने का
खुद को ढूंढ लेने, खुद में खो जाने का।
मिट चुके अस्तित्व को तलाशने का।
तन्हाइयों में खुद में झाँकने का।
खुद से भर भर शिकायतें करने का
रवायतों को ढोने का मलाल रहने का
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©Divya Joshi
ये वो जगह है जहाँ, "मैं"
"मैं" होती हूँ। बस "मैं"!
यही एक रास्ता है खुद को पाने का
खुद को ढूंढ लेने, खुद में खो जाने का।
मिट चुके अस्तित्व को तलाशने का।
तन्हाइयों में खुद में झाँकने का।