ले चुनीया री दाल पीवजी , जयपुर सु थे आजोनी
मैं कसींदो काढण जाणु , चम-चमी दाला लाजोनी
घड़े घड़े ने सिणगार किनो , किनो तो इक मैं ही नी ,
मैं मटकी ले चाली पाणी , सझ धझ में इक मैं ही नी ,
म्हारी गवाड़ी री किटकल पिवजी वाटा जोवे आजोनी
ले चुनीया री दाल पीवजी , जयपुर सु थे आजोनी
मैं कसींदो काढण जाणु , चम-चमी दाला लाजोनी
मैं मेरी बिन्दी , हाथों दिन्दी ,
थोरी याद मोही मैं हूं जिन्दी ,
बन्नी थोरी नई नवेली
दे दे ताना , ना मैं थोने भिन्दी ,
मैं मेरी बिन्दी हाथों दिन्दी
थे वि देवण आजोनी कदे तो देवण आजोनी
ले चुनीया री दाल पीवजी , जयपुर सु थे आजोनी
मैं कसींदो काढण जाणु , चम-चमी दाला लाजोनी
दिन ढलते ओ सुरज ढलजा , सुरज ढलते उम्र होवे ,
किण बिद थोने तांकु उबी , उबी बन्नी बांटा जोवे ,
करे केरापा जुटी तारीफ , इतरी मने थे आकोनी
ले चुनीया री दाल पीवजी , जयपुर सु थे आजोनी
मैं कसींदो काढण जाणु , चम-चमी दाला लाजोनी
गीतकार - सुनसा केरापा
#Dullness