White मुझे अमावस्या की ओर बढ़ते,
चाँद के सफर-सा,
प्रेम नहीं चाहिए तुम्हारा।।
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मेरी चाहत है...,
मुझे शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के
सफर पर चलते चाँद-सा,
पूर्ण, उज्जवल और पवित्र प्रेम मिले तुम्हारा।
©पूजा सक्सेना ‘पलक’
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