समन्दर की ख़ामोशी से जो बात करने चले हैं उन्हें ल | हिंदी Shayari Vide
"समन्दर की ख़ामोशी से जो बात करने चले हैं
उन्हें लहरों में नहीं गहराई में उतरना होगा
ना जाने कितनी नदियाँ आकर इसमें डूबी हैं
दायरा पता करना है तो एक-एक बूँद भरना होगा "
समन्दर की ख़ामोशी से जो बात करने चले हैं
उन्हें लहरों में नहीं गहराई में उतरना होगा
ना जाने कितनी नदियाँ आकर इसमें डूबी हैं
दायरा पता करना है तो एक-एक बूँद भरना होगा