पुलवामा
🇮🇳
सिर्फ जिक्र नहीं
ऋणी हैं हम
कहो भारत!
#daminiquote ✍️
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धमनियां हमारी भी फड़कती है
रक्त में प्रवाह तेज हो जाता है
वसंत जब बुलाता है हमें
दुपट्टों का रंग
सुर्ख हो जाता है
हलवे की महक पर मचलता है मन
माँ का अश्क हमें भी छु जाता है
सावन के गहरे रंगों में जब भिंगती है मोहब्बत