❤️🔥😄अकेले में मैं हसता रेहता😄❤️🔥
✍🏻️सुयोग कुलकर्णी.
आज-कल क्यूँ अकेले में
मैं हसता रेहता |
पागल नहीं हूँ फिर भी
उसका पागलपण दिलंपर छाया रेहता ||
केसा नशा नया
चढगया मोहब्बतकां यें...|
हिस्सा बन गया तेरा दिलं
मेरी जंदगीकां यें...||
शादी मनानी हैं तुझसे मुझको
तेरे पापाको मनाकर तुझे लेजाऊंगा |
लेला-मजनूसे भी " सुपर हिट "
अपनी " लव्ह स्टोरी " बनाकर दिखाऊंगा ||
ऐसी जोडीया बडी
नसीबोसे बनती हैं |
दुनिया भी इसको
सलाम ठोकती हैं ||
आज-कल पूछकर तुझको
मैं सब काम करता हूँ |
दिनमें भी तेरे
ख्वाब देखता हूँ ||
राजकीं एक बात
बतादूं तुंमको |
दिलं चिरकर भी देखा
नांम निकला तेरा ||
तुझसे हीं रात ,
तुझसे हीं सवेरा मेरा |
सर पर रखना चाहूँ
सजेला सेहरा ||
खुदाके नांम लेकर
दुल्हणं बनादूं तुझको |
बादशहा मैं मुंबईकां
बेगम बनादूं तुझको ||
आज-कल क्यूँ अकेले में
मैं हसता रेहता |
पागल नहीं हूँ फिर भी
उसका पागलपण दिलंपर छाया रेहता ||
©Suyog Kulkarni