काट के दरख़्त की कीमत बढ़ाते हैं, कैसे लोग हैं मरे | हिंदी शायरी Video

"काट के दरख़्त की कीमत बढ़ाते हैं, कैसे लोग हैं मरे को घर में सजाते हैं। इंसां की कीमत काठ से भी कम गई, जिंदा रहते में घर से निकाले जाते हैं। ©अनिल कसेर "उजाला" "

काट के दरख़्त की कीमत बढ़ाते हैं, कैसे लोग हैं मरे को घर में सजाते हैं। इंसां की कीमत काठ से भी कम गई, जिंदा रहते में घर से निकाले जाते हैं। ©अनिल कसेर "उजाला"

दरख्त

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