पूरे जहाँ में मशहूर थी बस हमारी ही यारी
कुछ बेवड़े, हरामी, कमीनों की है ये कहानी
कोई अगर किसी को कुछ भी बोल दे तो
ये छे लोग पड जाते थे सब पे बहुत भारी
पांच रुपए की चाय के पैसे देने के लिए भी
एक दूसरे से करते थे बहुत ही मनमानी
याद आती है मुझे बिना हेलमेट की वो
हमारी सुनसान सड़को पे ट्रिपल सवारी
वैसे तो हम बहुत बड़े खानदान से थे
मगर रास्तों में घूमते थे जैसे हो मवाली
दोस्ती में एक दूसरे के नाम भी बढ़िया थे
कोई किसी की ग़ज़ल थी तो कोई शायरी
खाने के लिए हम दो जगह ही जाते थे
ढोकले की दुकान और पानीपूरी की लारी
क्या बताऊँ की कैसी थी हमारी ये यारी
गालियों से भरपूर और बे-मतलब वाली
हमने सबकी नाक में दम कर रखा था
बाहर से शरीफ और अंदर से धमाली
पूरे जहाँ में मशहूर थी बस हमारी ही यारी
कुछ बेवड़े, हरामी, कमीनों की है ये कहानी
#message
कुछ दोस्तों की है यह कहानी....
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#nojotoonlie
#Abhi