ये दिल भी क्या चाहता है
चाहत और भी बढ़ाता है।
जिसे फिक्र नहीं उसकी
उसी से दिल लगाता है।
थम सी गई जमीं थम सा गया आसमां
फिर भी वो याद आता है।
डोर टूट से गए हैं
फिर भी ख्वाहिशें जुड़ी जुड़ी सी हैं।
ये दिल भी क्या चाहता है
चाहत और बढ़ता है।
✍️ अंशुल
#importance_of_relationship
ये #दिल भी क्या चाहता है
#चाहत और भी #बढ़ाता है।
जिसे #फिक्र नहीं उसकी
उसी से दिल लगाता है।