तन्हाई में भी इबादत मेरी तन्हा नहीं होती,, वो मुझम | हिंदी شاعری۔ Vide

"तन्हाई में भी इबादत मेरी तन्हा नहीं होती,, वो मुझमें मैं सज़दे में उसके साथ रहती हूँ!! ©पागल_ग्वार "

तन्हाई में भी इबादत मेरी तन्हा नहीं होती,, वो मुझमें मैं सज़दे में उसके साथ रहती हूँ!! ©पागल_ग्वार

#لفظ_ے_جمشید
#عشقق_عبادت

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