White खेल भयानक है खुला, चूके होत अचेत। ज़हर हवाओं | हिंदी Poetry

"White खेल भयानक है खुला, चूके होत अचेत। ज़हर हवाओं में घुला, रहिये सभी सचेत।। वर्षा के जल से धुला, पावन पवन सुहाय। ज़हर हवाओं में घुला, है अब कौन सहाय।। ©Shiv Narayan Saxena"

 White खेल भयानक है खुला, चूके होत अचेत।
ज़हर हवाओं में घुला, रहिये सभी सचेत।।

वर्षा के जल से धुला, पावन पवन सुहाय।
ज़हर हवाओं में घुला, है अब कौन सहाय।।

©Shiv Narayan Saxena

White खेल भयानक है खुला, चूके होत अचेत। ज़हर हवाओं में घुला, रहिये सभी सचेत।। वर्षा के जल से धुला, पावन पवन सुहाय। ज़हर हवाओं में घुला, है अब कौन सहाय।। ©Shiv Narayan Saxena

#Sad_Status रहिये सभी सचेत.....

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