"White क्या होगा इस नये साल में बाबु जी.
थोड़ा तो बताओ सुर ताल में बाबु जी.
क्या इस बार भी ऐसे गुजरेंगे दिन अपने.
जैसे गुज़रे थे पिछले साल में बाबु जी.
घर भी नहीं और गांव से दूर हूँ बाबु जी.
कैसे कहूँ के गम से चूर हूँ बाबु जी.
कहने को तो चार चार मेरे बेटे हैं.
रिक्सा खीचने को मज़बूर हूँ बाबु जी.
अपने पेट की रहती कोई फिक्र नही.
फिक्र मंद हूँ बेटी के खयाल मे बाबु जी.
क्या होगा इस नये साल में बाबु जी.
थोड़ा तो बताओ सुर ताल मे बाबु जी.
©parwana anasri"