sad song। सिला वो दे गए, लौटकर न आए। जल रहा दिल म

"sad song। सिला वो दे गए, लौटकर न आए। जल रहा दिल मेरा, जो दूसरों के हो गए। अब रोता बस, उनकी यादों में। जो किए वादे, मुझसे हर बातों में। कैसे भूलूंगा उसको मै, उसके बेवफ़ाई का...। आज आंसू जो गिर रहे हैं, उसके जुदाई का। उससे जो प्यार था, क्यों नफरत किया मुझसे। ज़ख्म जो दिल में है, भरूं उसको, अब कैसे। आज तन्हाइयां है। कभी ऐसा न हुआ है। हमें लगता है, सौदा हुआ इन बुराई का..। आज आंसू...........। मुझको तन्हा, क्यों छोड़ा उसने। प्यार जो न करना था, क्यों किया उसने। अगर हम जानते, प्यार न करते। अकेला रहते तो, जुदा न होते। आज जो जल रहे हैं, बस उसके लिए। मै जो भूले आलम, बस उसके लिए। जो गिरते हैं, मेरे आंसू ,हो गई है किसी शहनाई का..। आज आंसू जो गिर रहे हैं, उसके जुदाई का। लेखक/कवि- मनोज कुमार उत्तर प्रदेश। गोंडा जिला। ©manoj kumar"

 sad song।

सिला वो दे गए,
लौटकर न आए।
जल रहा दिल मेरा,
जो दूसरों के हो गए।
अब रोता बस, उनकी यादों में।
जो किए वादे, मुझसे हर बातों में।
कैसे भूलूंगा उसको मै, उसके बेवफ़ाई का...।
आज आंसू जो गिर रहे हैं, उसके जुदाई का।



उससे जो प्यार था,
क्यों नफरत किया मुझसे।
ज़ख्म जो दिल में है,
भरूं उसको, अब कैसे।
आज तन्हाइयां है।
कभी ऐसा न हुआ है।
हमें लगता है, सौदा हुआ इन बुराई का..।
आज आंसू...........।





मुझको तन्हा, क्यों छोड़ा उसने।
प्यार जो न करना था, क्यों किया उसने।
अगर हम जानते, प्यार न करते।
अकेला रहते तो, जुदा न होते।
आज जो जल रहे हैं, बस उसके लिए।
मै जो भूले आलम, बस उसके लिए।
जो गिरते हैं, मेरे आंसू ,हो गई है किसी शहनाई का..।
आज आंसू जो गिर रहे हैं, उसके जुदाई का।



लेखक/कवि- मनोज कुमार
उत्तर प्रदेश। गोंडा जिला।

©manoj kumar

sad song। सिला वो दे गए, लौटकर न आए। जल रहा दिल मेरा, जो दूसरों के हो गए। अब रोता बस, उनकी यादों में। जो किए वादे, मुझसे हर बातों में। कैसे भूलूंगा उसको मै, उसके बेवफ़ाई का...। आज आंसू जो गिर रहे हैं, उसके जुदाई का। उससे जो प्यार था, क्यों नफरत किया मुझसे। ज़ख्म जो दिल में है, भरूं उसको, अब कैसे। आज तन्हाइयां है। कभी ऐसा न हुआ है। हमें लगता है, सौदा हुआ इन बुराई का..। आज आंसू...........। मुझको तन्हा, क्यों छोड़ा उसने। प्यार जो न करना था, क्यों किया उसने। अगर हम जानते, प्यार न करते। अकेला रहते तो, जुदा न होते। आज जो जल रहे हैं, बस उसके लिए। मै जो भूले आलम, बस उसके लिए। जो गिरते हैं, मेरे आंसू ,हो गई है किसी शहनाई का..। आज आंसू जो गिर रहे हैं, उसके जुदाई का। लेखक/कवि- मनोज कुमार उत्तर प्रदेश। गोंडा जिला। ©manoj kumar

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