मैं लहू कहूं या रक्त कहूं दोनो में अंतर शब्दो का। | हिंदी Poetry Video

"मैं लहू कहूं या रक्त कहूं दोनो में अंतर शब्दो का। शब्द बाण गति अति तीव्र पल में बिखरा दे मर्म रिश्तों का। ये शब्द ही है जो दे प्रेम भाव। भाव भावना मानव के मन से , कटु सरल शब्द है जीवन के, ज्ञान अधूरा बिन शब्दों के। अर्थ निरर्थक है बन जाता शब्द परिभाषा है भाषा की जो भाष्य शैली को है झलकता। ©Arul Joshi "

मैं लहू कहूं या रक्त कहूं दोनो में अंतर शब्दो का। शब्द बाण गति अति तीव्र पल में बिखरा दे मर्म रिश्तों का। ये शब्द ही है जो दे प्रेम भाव। भाव भावना मानव के मन से , कटु सरल शब्द है जीवन के, ज्ञान अधूरा बिन शब्दों के। अर्थ निरर्थक है बन जाता शब्द परिभाषा है भाषा की जो भाष्य शैली को है झलकता। ©Arul Joshi

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