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कुछ खामोश हैं वो लफ़्ज़ जो थकते न थे वो तेरे मेरे इश्क कि बातें करते करते ....२
अब कुछ कहती है वो यादें जो तेरे न होने से हैं बुझ जाती हैं जलते जलते जलते
कुछ बंजर है वो दिल की जमी जो प्यार के फूलों से सजते थे हंसते हंसते
अब भी रुकती नहीं वो हंसी जो गुजारा करते थे साथ बातें करते करते
कुछ इस तरह बेख़ौफ़ हैं जीते तेरी यादों के साथ हम यूंही ढलते ढलते
अब मौत भी आए अगर तो मर जाएंगे बस तेरी चाहत पर दम तोड़ते चलते
कुछ मोहब्बत के दीवाने होते हैं और कुछ परवाने हम जैसे हैं मिलते
अब भी ना कद्र हुई मेरी मोहब्बत की तुझे है सितमगर फ़िर तुझ जैसे ना कभी मिलते
कुछ दौर भी हैं चल रहा इस जमाने के दस्तूर में बस तुझ जैसे बेवफ़ा हैं मिलते
अब औरों की क्या बात करें जब मेरे पास तुझ जैसे बेख़ौफ़ रिश्ते तोड़ने वाले मिलते
किस बात की सजा पाई हमने जो न जानते थे हम तुम पर जो ना कभी संवरते
अब और न देना ए ज़िन्दगी फ़िर वो मोहब्बत की झूठी कसमें खाने वाले फ़िर न मिलते
कुछ खामोश हैं वो लफ़्ज़ जो थकते न थे वो तेरे मेरे इश्क कि बातें करते करते ....२
©Sonuzwrites
#Sad_Status gajal e ishq ✍️📝