डिब्बे में बंद यादें
कुछ, कुछ मिक्स अचार सी हैं
हमदम की यादें मीठी गाजर सी हैं ।
दोस्तों की बातें तीखी मिर्ची सी हैं ,
माँ की हर याद मरहम सी हैं ,
भाई की बातें नीबू के शरबत सी हैं।
बच्चों की यादें गुलाब सी हैं ,
दादी-नानी की बातें सुझाव सी हैं।
©Tanu Singh
यादें#