सुब्ह आते ही तेरी याद की शुरुआत हो गई इक नज़र दिल | हिंदी शायरी

"सुब्ह आते ही तेरी याद की शुरुआत हो गई इक नज़र दिल में पड़ी कि मुलाक़ात हो गई सूरज बिखर रहा तुम्हारी मुस्कान देखकर तुम्हें छूकर आती हवाओं से बात हो गई जाने कब लबों पे कोई साज रख लो तुम मानो सोने में सुगंध की बरसात हो गई हमें महसूस हो जाते हो जरिये तसव्वुर तुम हमारी मोहब्बत की हमें ये सौगात हो गई ©अज्ञात"

 सुब्ह आते ही तेरी याद की शुरुआत हो गई 
इक नज़र दिल में पड़ी कि मुलाक़ात हो गई 

सूरज बिखर रहा तुम्हारी मुस्कान देखकर 
तुम्हें छूकर आती हवाओं से बात हो गई 

जाने कब लबों पे कोई साज रख लो तुम 
मानो सोने में सुगंध की बरसात हो गई 

हमें महसूस हो जाते हो जरिये तसव्वुर तुम 
हमारी मोहब्बत की हमें ये सौगात हो गई

©अज्ञात

सुब्ह आते ही तेरी याद की शुरुआत हो गई इक नज़र दिल में पड़ी कि मुलाक़ात हो गई सूरज बिखर रहा तुम्हारी मुस्कान देखकर तुम्हें छूकर आती हवाओं से बात हो गई जाने कब लबों पे कोई साज रख लो तुम मानो सोने में सुगंध की बरसात हो गई हमें महसूस हो जाते हो जरिये तसव्वुर तुम हमारी मोहब्बत की हमें ये सौगात हो गई ©अज्ञात

#सिर्फ तुम

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