"कोई नहीं उस आँख सा , कीमती आँख हे वो
किसी को मिला जरूर है, मेरी मगर आँखों का ख़्वाब हे वो
उसके आने से चेहरे पर ख़ुशी आती है
लोग दवाई के आदि हे, मुझ मरीज़ का ईलाज़ हे वो
-मोहम्मद रिज़वान"
कोई नहीं उस आँख सा , कीमती आँख हे वो
किसी को मिला जरूर है, मेरी मगर आँखों का ख़्वाब हे वो
उसके आने से चेहरे पर ख़ुशी आती है
लोग दवाई के आदि हे, मुझ मरीज़ का ईलाज़ हे वो
-मोहम्मद रिज़वान