Unsplash आंख नम है लेकिन होठों पर मुस्कान लेकर चलता हूं
अक्सर मैं रास्तों पर नजर झुका कर चलता हूं
ऐसा नहीं है कि दुनिया से नज़ारे मिलने से डरता हूं
कहीं तुम से नज़ारे का ना मिले कभी इस बात से डरता हूं
रोके हुए है जो अंशु मैने इतने सालों से वो कहीं तुम्हे देख कर ना निकल जाए इस बात से डरता हूं ।
©Lostboy
#lovelife