Unsplash आंख नम है लेकिन होठों पर मुस्कान लेकर चल | हिंदी शायरी

"Unsplash आंख नम है लेकिन होठों पर मुस्कान लेकर चलता हूं अक्सर मैं रास्तों पर नजर झुका कर चलता हूं ऐसा नहीं है कि दुनिया से नज़ारे मिलने से डरता हूं कहीं तुम से नज़ारे का ना मिले कभी इस बात से डरता हूं रोके हुए है जो अंशु मैने इतने सालों से वो कहीं तुम्हे देख कर ना निकल जाए इस बात से डरता हूं । ©Lostboy"

 Unsplash  आंख नम है लेकिन होठों पर मुस्कान लेकर चलता हूं 

अक्सर मैं रास्तों पर नजर झुका कर चलता हूं

ऐसा नहीं है कि दुनिया से नज़ारे मिलने से डरता हूं 

कहीं तुम से नज़ारे का ना मिले कभी इस बात से डरता हूं

रोके हुए है जो अंशु मैने इतने सालों से वो कहीं तुम्हे देख कर ना निकल जाए इस बात से डरता हूं ।

©Lostboy

Unsplash आंख नम है लेकिन होठों पर मुस्कान लेकर चलता हूं अक्सर मैं रास्तों पर नजर झुका कर चलता हूं ऐसा नहीं है कि दुनिया से नज़ारे मिलने से डरता हूं कहीं तुम से नज़ारे का ना मिले कभी इस बात से डरता हूं रोके हुए है जो अंशु मैने इतने सालों से वो कहीं तुम्हे देख कर ना निकल जाए इस बात से डरता हूं । ©Lostboy

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