White ऐ जिंदगी!
ऐ जिंदगी!
कई आए,
कई चले गए।
कुछ के झूले बंधे,
कुछ के जनाजे निकल गए।
ऐ जिंदगी!
क्यू इतना रंग बदलती हैं
किसी की झोली में खुशियाँ,
किसी को गम देती है।
ऐ जिंदगी!
क्यू इतना इम्तिहान लेती है,
जिसने जन्म दिया,
उसी को जलाना पडता है।
ऐ जिंदगी!
क्यू इतना आजमाति है,
किसी के हिस्से फूल,
किसी के हिस्से में काटें बिछाती है,
ऐ जिंदगी!
क्यू इतना कम साथ देती है,
बचपन से शुरू,
बुढ़ापे पर ख़त्म हो जाती है।
©Uma Vaishnav
jindagi