Unsplash मैं मैं नहीं , मुझमें अहम हद से ज्यादा | हिंदी विचार

"Unsplash मैं मैं नहीं , मुझमें अहम हद से ज्यादा है,ज़माने का शोर ऐसा है। वाजिब हस्र, हालात और उम्र हैं, तंज कसे भी क्यों न, ज़माना। कहां आसान होता हैं, लड़कियों का खुद के लिए दो पल चुराना। ©Ruksar Bano"

 Unsplash  मैं मैं नहीं ,  मुझमें अहम  हद से ज्यादा है,ज़माने का शोर ऐसा है।
वाजिब  हस्र, हालात और उम्र हैं, तंज  कसे भी क्यों न, ज़माना।
कहां आसान होता हैं, लड़कियों का खुद के लिए दो पल चुराना।

©Ruksar Bano

Unsplash मैं मैं नहीं , मुझमें अहम हद से ज्यादा है,ज़माने का शोर ऐसा है। वाजिब हस्र, हालात और उम्र हैं, तंज कसे भी क्यों न, ज़माना। कहां आसान होता हैं, लड़कियों का खुद के लिए दो पल चुराना। ©Ruksar Bano

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