किसी कोरे पन्ने पर अपने बारे में कुछ लिखों.... और | हिंदी Sad

"किसी कोरे पन्ने पर अपने बारे में कुछ लिखों.... और उसे जितना अपने आंखों के समक्ष रख सको उतना रखो,जब तुम्हें लगे की तुम व्यस्तता की ओर अग्रसर हो रहे हो,तब तुम उस पन्ने को अपने वस्तुओं में या तुम्हारे बहुत सारे दस्तावेजों में इसे रख दो या बिखरा दो, ऐसा तुम इसलिए करना क्योंकि जब कुछ हफ्ते, महिने या वर्ष बित जाने पर या किसी कार्य में असफल हो जाने पर तुम खुद को खोया या फिर इन्हीं बिखरे हुए दस्तावेजों के समान एक दिन बिखरा हुआ पाओगे तो फिर तब, तुम्हें चाहिए होगा किसी अपने का साथ, तब तुम नहीं पाओंगे किसी का (साथ)कांधा, नहीं होगा संभालने वाला कोई भी प्राणी इस घुम्मकड़ दुनिया में, तब तुम बढ़ना अपने शिक्षकों की बातों की और अपनी किताबों की ओर,और अपने नोट्स की ओर वहीं नोट्स जो तुमने बनाएं थे, इन्हें पढ़ते-पढ़ते पहुंच जाना तुम वहां,जहां तुम्हारी सारी वस्तुएं बिखरी मिलती हैं और फिर एक एक कर उठाना सभी बिखरे दस्तावेजों/वस्तुओं को,देखना तुम गहनता से, गंभीरता को मस्तिष्क से हटा तब जाएगी इक नज़र तुम्हारी किसी पन्ने पर जो तुम्हें अपने पन का अहसास कराएगी और तुम्हारी तुम्हारे लक्ष के प्रति सजग करने और अपनी गाथा सुनाएंगी तब तुम्हारी आंखों में अश्रु के साथ खुद का साथ होगा और वह साथ किसी प्राणी का नहीं बल्कि तुम्हारा तुम्हारे लिए लिखे गए उन बातों का होगा जो तुमने तुम्हारे बारे में लिखा था। सिख- कभी कभी खुद के बारे में कुछ सकारात्मक लिख लेना चाहिए और छोड़ देना चाहिए किसी बिखरी वस्तुओं के बिच ताकि बिखरे प्राणी संभल सके खुद के सहारे। ~तनुश्री कुकडे 🕊️ ©Tanushree_kukade"

 किसी कोरे पन्ने पर 
अपने बारे में कुछ लिखों....
और उसे जितना अपने आंखों के समक्ष रख सको उतना रखो,जब तुम्हें लगे की तुम व्यस्तता की ओर अग्रसर हो रहे हो,तब तुम उस पन्ने को अपने वस्तुओं में या तुम्हारे बहुत सारे दस्तावेजों में इसे रख दो या बिखरा दो, ऐसा तुम इसलिए करना क्योंकि जब कुछ हफ्ते, महिने या वर्ष बित जाने पर या किसी कार्य में असफल हो जाने पर तुम खुद को खोया या फिर इन्हीं बिखरे हुए दस्तावेजों के समान एक दिन बिखरा हुआ पाओगे तो फिर तब, तुम्हें चाहिए होगा किसी अपने का साथ, तब तुम नहीं पाओंगे किसी का (साथ)कांधा, नहीं होगा संभालने वाला कोई भी प्राणी इस घुम्मकड़ दुनिया में, तब तुम बढ़ना अपने शिक्षकों की बातों की और अपनी किताबों की ओर,और अपने नोट्स की ओर वहीं नोट्स जो तुमने बनाएं थे, इन्हें पढ़ते-पढ़ते पहुंच जाना तुम वहां,जहां तुम्हारी सारी वस्तुएं बिखरी मिलती हैं और फिर एक एक कर उठाना सभी बिखरे दस्तावेजों/वस्तुओं को,देखना तुम गहनता से, गंभीरता को मस्तिष्क से हटा
तब जाएगी इक नज़र तुम्हारी किसी पन्ने पर जो तुम्हें अपने पन का अहसास कराएगी और तुम्हारी तुम्हारे लक्ष के प्रति सजग करने और अपनी गाथा सुनाएंगी तब तुम्हारी आंखों में अश्रु के साथ खुद का साथ होगा और वह साथ किसी प्राणी का नहीं बल्कि तुम्हारा तुम्हारे लिए लिखे गए उन बातों का होगा जो तुमने तुम्हारे बारे में लिखा था।

सिख- कभी कभी खुद के बारे में कुछ सकारात्मक लिख लेना चाहिए और छोड़ देना चाहिए किसी बिखरी वस्तुओं के बिच ताकि बिखरे प्राणी संभल सके खुद के सहारे।
~तनुश्री कुकडे 🕊️

©Tanushree_kukade

किसी कोरे पन्ने पर अपने बारे में कुछ लिखों.... और उसे जितना अपने आंखों के समक्ष रख सको उतना रखो,जब तुम्हें लगे की तुम व्यस्तता की ओर अग्रसर हो रहे हो,तब तुम उस पन्ने को अपने वस्तुओं में या तुम्हारे बहुत सारे दस्तावेजों में इसे रख दो या बिखरा दो, ऐसा तुम इसलिए करना क्योंकि जब कुछ हफ्ते, महिने या वर्ष बित जाने पर या किसी कार्य में असफल हो जाने पर तुम खुद को खोया या फिर इन्हीं बिखरे हुए दस्तावेजों के समान एक दिन बिखरा हुआ पाओगे तो फिर तब, तुम्हें चाहिए होगा किसी अपने का साथ, तब तुम नहीं पाओंगे किसी का (साथ)कांधा, नहीं होगा संभालने वाला कोई भी प्राणी इस घुम्मकड़ दुनिया में, तब तुम बढ़ना अपने शिक्षकों की बातों की और अपनी किताबों की ओर,और अपने नोट्स की ओर वहीं नोट्स जो तुमने बनाएं थे, इन्हें पढ़ते-पढ़ते पहुंच जाना तुम वहां,जहां तुम्हारी सारी वस्तुएं बिखरी मिलती हैं और फिर एक एक कर उठाना सभी बिखरे दस्तावेजों/वस्तुओं को,देखना तुम गहनता से, गंभीरता को मस्तिष्क से हटा तब जाएगी इक नज़र तुम्हारी किसी पन्ने पर जो तुम्हें अपने पन का अहसास कराएगी और तुम्हारी तुम्हारे लक्ष के प्रति सजग करने और अपनी गाथा सुनाएंगी तब तुम्हारी आंखों में अश्रु के साथ खुद का साथ होगा और वह साथ किसी प्राणी का नहीं बल्कि तुम्हारा तुम्हारे लिए लिखे गए उन बातों का होगा जो तुमने तुम्हारे बारे में लिखा था। सिख- कभी कभी खुद के बारे में कुछ सकारात्मक लिख लेना चाहिए और छोड़ देना चाहिए किसी बिखरी वस्तुओं के बिच ताकि बिखरे प्राणी संभल सके खुद के सहारे। ~तनुश्री कुकडे 🕊️ ©Tanushree_kukade

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