हर एक मंजर पर उदासी छाई है, चांद की रोशनी में भी क | हिंदी ਸ਼ਾਇਰੀ ਅਤੇ

"हर एक मंजर पर उदासी छाई है, चांद की रोशनी में भी कमी आई है, अकेले अच्छे थे हम अपने आशिएं में, जाने क्यों टूट कर आज फिर आपकी याद आई है.. ©Aman Majra"

 हर एक मंजर पर उदासी छाई है,
चांद की रोशनी में भी कमी आई है,

अकेले अच्छे थे हम अपने आशिएं में,
जाने क्यों टूट कर आज फिर आपकी याद आई है..

©Aman Majra

हर एक मंजर पर उदासी छाई है, चांद की रोशनी में भी कमी आई है, अकेले अच्छे थे हम अपने आशिएं में, जाने क्यों टूट कर आज फिर आपकी याद आई है.. ©Aman Majra

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